एसटी, एससी, ओबीसी आर्थिक, प्रशासनिक व तकनीकी रूप से आज भी पिछड़े हैं
बड़कागांव : आँगो पंचायत के मुखिया नीलम मिंज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि आजादी की दिनों में सबसे ज्यादा अहम योगदान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वर्गो की रही है. क्योंकि उन्हें आशा था कि देश के आजादी मिलने के बाद उन्हें मौलिक सुविधाएं एवं हक अधिकार मिलेगी. आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले जनजातीय को आरक्षण के नाम पर बांट देना उनके साथ अन्याय होगी . उन्होंने कहा कि सामान्य जाति के लोगों को 10% आरक्षण दिया गया ,उसमें केंद्र की सरकार एवं माननीय न्यायालय को क्रिमि लेयर दिखाई पड़नी चाहिए.क्रीमी लेयर सदियों से दबे कुचले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों पर दिखाई दे रही है .बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने भारतीय समाज की सबसे कमजोर वर्ग दलित, आदिवासी ,पिछड़ा वर्ग एवं महिला वर्ग को आरक्षण देकर सशक्त करने का काम किये है. ताकि ये कमजोर वर्ग समाज के साथ एक साथ खड़े हो सके .आगे बढ़ सके .लेकिन क्रीमी लेयर के नाम पर आरक्षण धीरे-धीरे घटाने की साजिश चल रही है .ताकि दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग आगे नहीं बढ़ सके मैं माननीय न्यायालय से मांग करती हूं कि जिस तरह से भारतीय संविधान में आरक्षण की जो सुविधा दी गई है ,इस तरह रहने दिया जाए. क्रीमी लेयर के नाम पर आरक्षण नहीं किया जाए. भारत के अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग आज भी आर्थिक , राजनीतिक प्रशासनिक, तकनीकी रूप से पिछड़े हुए. प्रशासनिक क्षेत्र में गौर किया जाए तो सबसे ज्यादा सामान्य वर्ग के लोग नजर आते हैं. मैं सरकार से मांग करती हूं कि निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक उपक्रम के क्षेत्र में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण और बढ़ाया जाए.